Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra Cover Image
13

Jan

Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra

  • days
  • Hours
  • Minutes
  • Seconds

Ispustite sliku ovdje ILI Pregledajte za prijenos

Dodajte odgovor
Stvori album
  • Osjećaj
  • Putovanje u
  • Gledanje
  • Igranje
  • Slušati
  • Sretan
  • voljena
  • tužno
  • Jako tužno
  • Ljut
  • Zbunjen
  • vruće
  • Slomljen
  • bezizražajan
  • Cool
  • smiješno
  • Umoran
  • Lijep
  • Blagoslovljen
  • Šokiran
  • pospano
  • Prilično
  • dosadno
0%
Učitaj slike
Novi Generiraj sliku
Novi Generiraj objavu
Više

image
Početni datum 01/13/24 - 17:05
Datum završetka 01/31/24 - 04:00
  • Opis

    भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा पर व्रत रखेंगे पीएम मोदी, सरयू नदी में कर सकते हैं स्नान!https://dainikkhabarlive.com/
    Ram Mandir Pran Pratishtha: 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए सरकार तरह-तरह के कार्यक्रम के आयोजन की तैयारियां में अभी से जुट गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए गुप्त मतदान के जरिए राम मंदिर के लिए मूर्ति का चयन भी कर लिया गया है। साथ ही पीएम मोदी भी अयोध्या पहुंचने वालें हैं और इस दिन वह उपवास भी रखेंगे।

    बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मौके पर व्रत रखने वाले हैं और उससे पहले ही 16 जनवरी को पीएम मोदी का संकल्पित अक्षित अयोध्या पहुंचाया जाएगा। अक्षत आने के बाद 7 दिवसीय अनुष्ठान भी शुरू होगा। वहीं चारों वेदों की सभी शाखाओं का परायण, यज्ञ जारी है।15 जनवरी तक वैदिक विद्वान इस यज्ञ को करेंगे।

    पीएम मोदी ने इसलिए रखा व्रत
    Also Read: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर संघ और VHP का प्लान, 15 करोड़ परिवारों को मिलेगा अक्षत निमंत्रण

    इस दिन शास्त्रीय विधि परंपरा के मुताबिक, यजमान को पूरे दिन उपवास रखकर सभी धार्मिक अनुष्ठान पूरे करने होते हैं। चूंकि प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पीएम मोदी करने वाले हैं तो इसलिेए वह पूरे दिन उपवास रखेंगे।

    शास्त्रीय विधि परम्परा के मुताबिक – प्राण प्रतिष्ठा
    इस मामले पर अयोध्या के हनुमत निवास के महंत मिथिलेश नन्दनी शरण ने बताया कि ”शास्त्रीय विधि परम्परा के मुताबिक किसी मंदिर में प्राणधान के समय सबसे पहले प्रायश्चित का अनुष्ठान होता है। फिर इसके बाद संकल्प, बाद में देवता के अंगों का न्यास और पूजन मंत्रों के साथ किया जाएगा।”

    उन्होंने आगे कहा कि ” इसके बाद विग्रह का अन्न में वास, फल में वास, जल में वास कराया जाएगा। फिर महास्नान और परिभ्रमण के बाद दूसरी जरूरी क्रियाएं पूरी की जाती हैं।”

    सरयू में स्नान कर सकते हैं पीएम
    महंत मिथिलेश नन्दनी शरण ने आगे बताया कि ”प्राण प्रतिष्ठा में जो भी यजमान हिस्सा लेते हैं उनके लिए जरुरी है कि वह पवित्र नदी में स्नान करना के बाद ही पूजा में बैठें। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि पीएम मोदी अयोध्या की पवित्र सरयू नदी में स्नान भी कर सकते हैं। इससे पहले भी साल 2021 में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर लोकार्पण के समय भी पीएम मोदी ने गंगा में स्नान करके पूजा की था।”

    22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए सरकार तरह-तरह के कार्यक्रम के आयोजन की तैयारियां में अभी से जुट गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए गुप्त मतदान के जरिए राम मंदिर के लिए मूर्ति का चयन भी कर लिया गया है। साथ ही पीएम मोदी भी अयोध्या पहुंचने वालें हैं और इस दिन वह उपवास भी रखेंगे।


    बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मौके पर व्रत रखने वाले हैं और उससे पहले ही 16 जनवरी को पीएम मोदी का संकल्पित अक्षत अयोध्या पहुंचाया जाएगा। अक्षत आने के बाद 7 दिवसीय अनुष्ठान भी शुरू होगा। वहीं चारों वेदों की सभी शाखाओं का परायण, यज्ञ जारी है।15 जनवरी तक वैदिक विद्वान इस यज्ञ को करेंगे।

    पीएम मोदी ने इसलिए रखा व्रत
    इस दिन शास्त्रीय विधि परंपरा के मुताबिक, यजमान को पूरे दिन उपवास रखकर सभी धार्मिक अनुष्ठान पूरे करने होते हैं। चूंकि प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पीएम मोदी करने वाले हैं तो इसलिए वह पूरे दिन उपवास रखेंगे।

    शास्त्रीय विधि परम्परा के मुताबिक – प्राण प्रतिष्ठा
    इस मामले पर अयोध्या के हनुमत निवास के महंत मिथिलेश नन्दनी शरण ने बताया कि ”शास्त्रीय विधि परम्परा के मुताबिक किसी मंदिर में प्राणधान के समय सबसे पहले प्रायश्चित का अनुष्ठान होता है। फिर इसके बाद संकल्प, बाद में देवता के अंगों का न्यास और पूजन मंत्रों के साथ किया जाएगा।”

    उन्होंने आगे कहा कि ”इसके बाद विग्रह का अन्न में वास, फल में वास, जल में वास कराया जाएगा। फिर महास्नान और परिभ्रमण के बाद दूसरी जरूरी क्रियाएं पूरी की जाती हैं।”

    सरयू में स्नान कर सकते हैं पीएम
    महंत मिथिलेश नन्दनी शरण ने आगे बताया कि ”प्राण प्रतिष्ठा में जो भी यजमान हिस्सा लेते हैं उनके लिए जरुरी है कि वह पवित्र नदी में स्नान करना के बाद ही पूजा में बैठें। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि पीएम मोदी अयोध्या की पवित्र सरयू नदी में स्नान भी कर सकते हैं। इससे पहले भी साल 2021 में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर लोकार्पण के समय भी पीएम मोदी ने गंगा में स्नान करके पूजा की था।”